ज्योतिष सीखिए, भाग – 03

त्रिकोण, केन्द्र, पणफर, आपोक्लिम, मारक भाव त्रिकोण, केन्द्र, पणफर, आपोक्लिम तथा मारक किन-किन भावों को कहा जाता है? इसे नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए : (1) त्रिकोण - पंचम तथा…
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के उपयोग का महत्व तथा तिथि, वार, नक्षत्र, लग्न एवं उनके स्वामी

ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के उपयोग का महत्व तथा तिथि, वार, नक्षत्र, लग्न एवं उनके स्वामी

भारतीय पंचांग का आधार विक्रम संवत् है जिसका सम्बन्ध राजा विक्रमादित्य के शासन काल से है। ये कैलेंडर विक्रमादित्य के शासनकाल में जारी हुआ था। इसी कारण इसे विक्रम संवत्…
जानिए 12 राशियों के अनुसार अपना व्यक्तित्व, गुण-दोष और स्वभाव

जानिए 12 राशियों के अनुसार अपना व्यक्तित्व, गुण-दोष और स्वभाव

जन्म राशि – वैदिक ज्योतिष में सबसे अधिक महत्व राशियों, भावों नक्षत्रों का होता हैं, जिसमें द्वादश राशियों के बारे में हम विस्तार से बताने की कोशिश कर रहे हैं।…
जानिए तिथि क्या है? और ज्योतिष शास्त्र में इनका महत्व क्यों है?

जानिए तिथि क्या है? और ज्योतिष शास्त्र में इनका महत्व क्यों है?

ज्योतिष में तिथियों का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिन्दु धर्म में तिथियों के आधार पर मुहूर्त्त निकाले जाते हैं और उनके अनुसार विभिन्न कार्य किए जाते हैं। सभी कार्यों का…
भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का शुभ-अशुभ प्रभाव

भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का शुभ-अशुभ प्रभाव

मध्यम नक्षत्र – मध्यम नक्षत्र के तहत वह नक्षत्र आते हैं जिसमें आम तौर पर कोई विशेष या बड़ा काम करना उचित नहीं, लेकिन सामान्य कामकाज के लिहाज से कोई…
भारतीय वैदिक ज्योतिष की व्याख्या

भारतीय वैदिक ज्योतिष की व्याख्या

भारतीय ज्योतिष ग्रह नक्षत्रों की गणना की वह पद्धति है जिसका भारत में विकास हुआ है। आजकल भी भारत में इसी पद्धति से पंचांग बनते हैं, जिनके आधार पर देश…