ज्योतिष सीखिए, भाग – 03

त्रिकोण, केन्द्र, पणफर, आपोक्लिम, मारक भाव त्रिकोण, केन्द्र, पणफर, आपोक्लिम तथा मारक किन-किन भावों को कहा जाता है? इसे नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए : (1) त्रिकोण - पंचम तथा…
ज्योतिष सीखिए, भाग - 02

ज्योतिष सीखिए, भाग – 02

ग्रहों का स्वभाव और प्रभाव किस ग्रह का स्वभाव और प्रभाव कैसा है और उसके द्वारा किन बातों का विचार किया जाता है, इसे नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए :…
ज्योतिष सीखिए

ज्योतिष सीखिए, भाग – 01

वैदिक काल में हमारे ऋषि मुनियों ने 4 वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) की रचना की थी। इन वेदों को जानने के लिए उन्होंने 6 वेदांगो की रचना की। इनमें…
हस्त रेखा शास्त्र : जानिए हथेली की रेखाओं से किसी का भी व्यक्तित्व, स्वभाव और चरित्र के बारे में

हस्त रेखा शास्त्र : जानिए हथेली की रेखाओं से किसी का भी व्यक्तित्व, स्वभाव और चरित्र के बारे में

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार आपके हाथों में मौजूद रेखाओं, चिन्हों और हाथ के आकार से आपके भाग्य, व्यक्तित्व, स्वभाव और यहां तक की पिछले जीवन के बारे में जानकारी मिल…
अंक ज्योतिष को समझें आसान शब्दों में, जानिए आपके लिए कौन सा अंक है भाग्यशाली

अंक ज्योतिष को समझें आसान शब्दों में, जानिए आपके लिए कौन सा अंक है भाग्यशाली

अंकशास्त्र या संख्याओं का विज्ञान सभी संख्याओं के बारे में होता है और उनका कंपन झुकाव अंकशास्त्रियों को व्यक्ति के भविष्य की भविष्यवाणी करने में सहायता करता है। अंकशास्त्री मानते…
घर बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें और खुशहाल जीवन बिताएं

घर बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें और खुशहाल जीवन बिताएं

घर एक शांतिपूर्ण जगह है जहां हम अपने परिवार के साथ रहते हैं और अविस्मरणीय यादें बनाते हैं। सब कुछ सही ढंग से बनाने के बावजूद भाग्य का भी अपना…
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के उपयोग का महत्व तथा तिथि, वार, नक्षत्र, लग्न एवं उनके स्वामी

ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के उपयोग का महत्व तथा तिथि, वार, नक्षत्र, लग्न एवं उनके स्वामी

भारतीय पंचांग का आधार विक्रम संवत् है जिसका सम्बन्ध राजा विक्रमादित्य के शासन काल से है। ये कैलेंडर विक्रमादित्य के शासनकाल में जारी हुआ था। इसी कारण इसे विक्रम संवत्…
जानिए 12 राशियों के अनुसार अपना व्यक्तित्व, गुण-दोष और स्वभाव

जानिए 12 राशियों के अनुसार अपना व्यक्तित्व, गुण-दोष और स्वभाव

जन्म राशि – वैदिक ज्योतिष में सबसे अधिक महत्व राशियों, भावों नक्षत्रों का होता हैं, जिसमें द्वादश राशियों के बारे में हम विस्तार से बताने की कोशिश कर रहे हैं।…
जानिए तिथि क्या है? और ज्योतिष शास्त्र में इनका महत्व क्यों है?

जानिए तिथि क्या है? और ज्योतिष शास्त्र में इनका महत्व क्यों है?

ज्योतिष में तिथियों का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिन्दु धर्म में तिथियों के आधार पर मुहूर्त्त निकाले जाते हैं और उनके अनुसार विभिन्न कार्य किए जाते हैं। सभी कार्यों का…
भारतीय वैदिक ज्योतिष में महर्षि भृगु जी का योगदान और "भृगु संहिता" का महत्व

भारतीय वैदिक ज्योतिष में महर्षि भृगु जी का योगदान और “भृगु संहिता” का महत्व

महर्षि भृगु आदि ऋषि परंपरा के एक ऋषि हैं। वह सात महान ऋषियों, सप्तर्षियों में से एक हैं, और ब्रह्मा द्वारा बनाए गए कई प्रजापतियों (सृष्टि के सूत्रधार) में से…